व्रत करने से शरीर पर क्या असर पड़ता है ? जानें व्रत करने के फायदे।
What Effect Does Fasting have on the Body? Know the Benefits of Fasting
उपवास या व्रत (एक निश्चित अवधि के लिए भोजन और कभी-कभी पेय से परहेज करना) शरीर पर कई तरह के प्रभाव डालता है, जो इसकी अवधि और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। कई अध्ययनों ने उपवास के संभावित लाभों का पता लगाया है, और इसे अक्सर बेहतर स्वास्थ्य संकेतकों से जोड़ा जाता है। यहाँ उपवास के कुछ प्रमुख प्रभाव और लाभ दिए बताए गए हैं:
शरीर पर उपवास / व्रत करने से प्रभाव :
1. चयापचय परिवर्तन: लगभग 12-16 घंटे के व्रत के बाद, शरीर ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में ग्लूकोज (चीनी) का उपयोग करने से हटकर शरीर में संग्रहीत वसा का उपयोग करने लगता है, जिसे किटोसिस कहा जाता है। इससे समय के साथ वसा कम होती है।
2. कोशिकीय मरम्मत: व्रत ऑटोफैगी को ट्रिगर करता है, (एक प्रक्रिया जिसमें कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त घटकों को साफ करती हैं और उन्हें रीसायकल करती हैं।) यह प्रक्रिया कोशिका की मरम्मत में मदद करती है और उम्र बढ़ने और कुछ बीमारियों से बचाती है।
3. हार्मोनल परिवर्तन: इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे शरीर में संग्रहीत वसा अधिक सुलभ हो जाती है।
मानव विकास हार्मोन (HGH) का स्तर बढ़ सकता है, जो वसा जलने और मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करता है।
4. पाचन में सुधार: व्रत पाचन तंत्र को आराम देता है, जो आंत को ठीक करने और सुचारु ढंग से कार्य करने की अनुमति देता है। यह सूजन और अपच जैसी समस्याओं में मदद कर सकता है।
उपवास / व्रत करने से लाभ:
1. वजन घटाना और वसा घटाना: उपवास कैलोरी सेवन को कम करने और चयापचय को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे वजन कम करना और शरीर की वसा कम करना आसान हो जाता है।
2. इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: इंसुलिन के स्तर को कम करके, उपवास इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, जो टाइप 2 मधुमेह को रोकने या प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
3. हृदय स्वास्थ्य: उपवास हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करता है, जैसे खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL), ट्राइग्लिसराइड्स, रक्तचाप और सूजन को कम करना।
4. Detoxification: पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे शरीर से विषैले पदार्थ दूर होते है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और हानिकारक पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
5. Spiritual and Emotional Clarity: कई संस्कृतियाँ और धर्म आध्यात्मिक कारणों से उपवास का उपयोग करते हैं। उपवास अक्सर बेहतर आत्म-अनुशासन और आत्म-जागरूकता की बढ़ी हुई भावना से जुड़ा है।
किन लोगों को व्रत नहीं करना चाहिए ?
- गर्भवती महिलाओं को व्रत नहीं रखना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु को पोषण की जरूरत होती है। व्रत रखने से गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
- जो महिलाएं मासिक धर्म से गुजर रही हैं, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। इस दौरान शरीर में कमजोरी और दर्द रहता है।
- जिन लोगों को कोई शारीरिक बीमारी है, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। व्रत रखने से उनकी बीमारी बढ़ सकती है।
- बुज़ुर्ग लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए। बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर होने लगता है।
- अगर आपको हार्ट की सर्जरी हुई है या दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, तो व्रत न करें।
- लंबी यात्रा के दौरान व्रत न रखें।
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