Jaundice Home Remedies And Prevention Methods

 पीलिया के घरेलू उपचार और बचाव के तरीके

Jaundice Home Remedies And Prevention Methods

गर्मी के महीने में पीलिया होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि गर्मी में खाना जल्दी खराब हो जाता है और लोग जाने अनजाने में इसका सेवन कर लेते हैं। हेल्दी डाइट, फल और गन्ने का जूस लेने से पीलिया के इलाज में मदद मिलती है। आइए जानते हैं पीलिया के बारे में:
पीलिया एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है। यह शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने के कारण होता है। बिलीरुबिन का निर्माण शरीर के उत्तकों और खून में होता है। आमतौर पर जब किसी कारणों से लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं तो पीले रंग के बिलीरुबिन का निर्माण होता है। बिलीरुबिन लिवर से फिलटर होकर शरीर से बाहर निकलता है, लेकिन जब किसी कारणों से यह खून से लिवर में नहीं जाता है या लिवर द्वारा फिलटर नहीं होता है तो शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है जिससे पीलिया होता है।



पीलिया के लक्षण 

Symptoms Of Jaundice

पीलिया का सबसे बड़ा लक्षण त्वचा और आंखों का पीला होना है। इसके अलावा, पीलिया होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:-  
  • बुखार होना
  • थकान होना
  • वजन घटना
  • कमजोरी होना
  • भूख नहीं लगना
  • पेट में दर्द होना
  • सिर में दर्द होना
  • कब्ज की शिकायत होना
  • पेशाब का रंग गहरा होना
  • कुछ मामलों में खुजली और उलटी होना

पीलिया के घरेलू उपचार 

Jaundice Home Remedies

1. अरंडी के पत्ते:

इसके लिए आप अरंडी के पत्तों का रस निकालें। इसे खाली पेट लगभग 25 ml पिएं। यह 3 से 4 दिनों के अंदर पीलिया ठीक कर देता है।

2. गन्ने का रस:

गन्ने का रस पीलिया के इलाज में अत्यंत फायदेमंद होता हैं। अगर दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पिया जाए तो यह काफी लाभदायक होता हैं। अगर रोगी सत्तू खाकर गन्ने का रस सेवन किया जाय तो सप्ताह भर में ही पीलिया ठीक हो जाता है। यह आपके लिवर को मजबूत बनाने में मदद करता है। गन्ने के रस में विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो लिवर को संक्रमित होने से बचाते हैं। 

3. हल्दी: 

हल्दी पीलिया रोग के उपचार के लिए बहुत अच्छी होती हैं। पीलिया होने पर आप एक चम्मच हल्दी को आधे गिलास पानी में मिला लें। इसे रोजाना दिन में तीन बार पिएं। इससे शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थ मर जाएंगे। यह बिलीरुबिन को शरीर से बाहर करने में भी बहुत मदद करता है। 

4. मूली के पत्तों का रस: 

मूली और मूली के पत्तों का रस निचोड़कर पीने से भी पीलिया में जल्दी राहत मिलती है। मूली के रस में काला नमक मिलाकर पीने से पाचनतंत्र भी ठीक रहता है। यह हमारे शरीर से एक्सट्रा बिलीरुबिन को बाहर निकालने में मदद करता है और पीलिया को जल्द खत्म करता है। 

5. पीपल के पत्ते का रस:

खून के बहाव में रुकावट पैदा होने पर पीपल के पत्तों का रस बहुत ही लाभकारी होता है।  पीपल के पत्तों को उबालकर पीने से पीलिया रोग में आराम मिलता है। इसके लिए कुछ पीपल के पत्तों को उबालकर उसका रस बना लें। इसका दिन में 2 से 3 बार सेवन करें। 

6. नींबू का रस: 

में साइट्रिक एसिड होता है, जो पाचन में मदद कर सकता है और लीवर के कार्य में सहायता होता है। नींबू के रस को पानी में निचोड़ कर पीने से पेट साफ होता है। इसे रोज खाली पेट सुबह पीना पीलिया में लाभदायक होता है।

7. दही:

दही के सेवन से बैक्टीरिया की वजह से होने वाले इंफेक्शन से बचाव होता है और ये पीलिया के लक्षणों को कम करता है। 

8. नारियल पानी:

पीलिया को दूर करने में नारियल पानी सहायता करता है। ये लीवर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। साथ ही इसका सेवन करने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। 

9. त्रिफला चूर्ण:

एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर पानी में भीगोकर रख दें और सुबह उठकर इसको पी लें। इसका सेवन दो सप्ताह तक करने से पीलिया से राहत मिलती है। 

यह  ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए इन घरेलू उपचार का प्रभाव अलग - अलग हो सकता है। यदि आपको संदेह है कि आपको पीलिया या कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति है, तो सटीक निदान और उचित चिकित्सा देखभाल के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। 

पीलिया से बचाव के उपाय 

Jaundice Prevention Measures

पीलिया से बचने के लिए, आप ये उपाय अपना सकते हैं: 
  • प्रतिदिन एक कटोरी दही खाएं। 
  • सुबह खाली पेट उबले हुए टमाटर का जूस पिएं।  स्वाद बढ़ाने के लिए, इसमें थोड़ी काली मिर्च और नमक मिला सकते हैं। 
  • नियमित रूप से योग करें।  भुजंगासन, उत्तान पादासन, शवासन, और प्राणायाम बहुत फायदेमंद हैं। 
  • अरहर के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। इस रस का कम से कम 60 मिलीलीटर रोजाना सेवन करें। अरहर की फलियां भी बहुत पौष्टिक होती हैं। इन्हें आहार में शामिल किया जा सकता है। 
  • ब्लूबेरी, अंगूर, पपीता, खरबूज, कद्दू, शकरकंद, रतालू, टमाटर, गाजर, चुकंदर, शलजम, ब्रोकोली और फूलगोभी जैसी क्रुसिफ़ेरस सब्जियां, अदरक, लहसुन, और पालक आदि का सेवन बढ़ाएं। 

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