हड्डी का फ्रैक्चर - प्रकार, लक्षण और निदान
Bone Fracture – Types, Symptoms and Diagnosis
आइए जानते हैं
हड्डी का फ्रैक्चर क्या है ?
हड्डी का फ्रैक्चर जिसे आम बोलचाल में हड्डी का टूटना भी कहते हैं। यह एक बहुत ही आम चोट है जो किसी भी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकती हैं। फ्रैक्चर आमतौर पर गिरने, कार दुर्घटना या खेल में चोट जैसे आघात के कारण हो सकता है।
हड्डी का टूटना आंशिक या पूर्ण हो सकता है। फ्रैक्चर को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
Open Fracture : यह तब होता है जब टूटी हुई हड्डी गहरे घाव की तरह दिखाई देती है या टूटी हुई हड्डी त्वचा के आर-पार हो जाती है। इसे Compound fracture के नाम से भी जाना जाता है।
Closed Fracture : Closed Fracture, Muscles के अंदर हड्डी में होता है। इसमें हड्डी Muscles के अंदर टूट जाती है और उस स्थान पर हमें Pain, Blood Clot और नीला पड़ जाता है। Closed Fracture, Tissues और Blood Vessels को नुकसान पहुँचाता है साथ ही इसमें Internal Bleeding का भी Risk रहता है।
हड्डी फ्रैक्चर के प्रकार
Types of Bone Fractures
फ्रेक्चर्स को कई प्रकारों में बांटा गया है जैसे-
1. ट्रांसवर्स फ्रैक्चर (Transverse Fracture)
ट्रांसवर्स फ्रैक्चर में हड्डी दबाव के कारण सीधे टूट जाती है।
2. टोरस फ्रैक्चर (Buckle Fracture)
फ्रैक्चर के इस प्रकार में हड्डी मुड़ जाती है लेकिन टूटने की नोबत नहीं आती है, इस तरह का फ्रैक्चर बच्चों में होना आम बात है, क्योंकि बच्चे अक्सर खेलकूद के दौरान गिर जाते हैं जिसके कारण उन्हें चोट आ जाती हैं या हड्डियां मुड़ जाती हैं।
3. स्ट्रेस फ्रैक्चर (Stress Fracture)
जो व्यक्ति एथलीट या किसी खेल से जुड़े होते हैं उनमें स्ट्रेस फ्रैक्चर होना आम बात है, इस प्रकार के फ्रैक्चर में खिलाड़ी के हड्डी में Strain आ जाती है जिसके कारण हड्डी टूट जाती है।
4. पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर (Pathological Fracture)
व्यक्ति में इस टाइप का फ्रैक्चर तभी होता है जब किसी बीमारी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, ऐसे में कमजोर हड्डी अपने आप ही टूट जाती है।
5. स्पाइरल फ्रैक्चर (Spiral Fracture)
इस फ्रैक्चर में हड्डी का कोई एक हिस्सा मुड़ जाता है, इस Type के फ्रैक्चर में काफी तकलीफ होती है।
6. प्रभावित फ्रैक्चर (Impacted Fracture)
ये फ्रैक्चर काफी दर्दनाक होता है, इस फ्रैक्चर में हड्डी का एक हिस्सा टूटकर दूसरे हड्डी के अंदर घुस जाता है।
7. इंट्राआर्टिकुलर फ्रैक्चर (Intraarticular Fracture)
इंट्राआर्टिकुलर फ्रैक्चर में joint की सतह पर फ्रैक्चर आ जाता है, जैसे कोहनी, घुटने आदि।
8. ग्रीनस्टिक फ्रैक्चर (Greenstick Fracture)
इस फ्रैक्चर में हड्डी एक तरफ से फ्रैक्चर हो जाती है, लेकिन ये ऐसी स्थिति होती है जब हड्डी पूरी तरह से नहीं टूटती है बल्कि झुक जाती है। ये फ्रैक्चर बच्चों में बहुत जल्दी होता है, क्योंकि बच्चों की हड्डियों में लचीलापन ज्यादा होता है।
9. कम्प्रेशन फ्रैक्चर (Crush Fracture)
कम्प्रेशन फ्रैक्चर ज्यादातर रीढ़ की हड्डी में होता है। जिन लोगों की रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाती हैं उनमें इस तरह का फ्रैक्चर होना आम बात है।
10. फ्रैक्चर डिसलोकेशन (Fracture Dislocation)
इस फ्रैक्चर में हड्डियों का Joint अपनी जगह से हट जाता है लेकिन फ्रैक्चर सिर्फ एक हड्डी में आता है। इसमें काफी दर्द सहना पड़ता है।
11. अलगाव फ्रैक्चर (Avulsion Fracture)
इस फ्रैक्चर में muscles और ligaments में खिंचाव हो जाता है, जिसके कारण फैक्चर हो जाता है।
12. कम्यूटेड फ्रैक्चर (Comminuted Fracture)
कम्यूटेड फ्रैक्चर में हड्डियां कई टुकड़ों में टूट जाती है।
फ्रैक्चर के लक्षण
Symptoms of Fracture
- चोटिल हिस्से के आस-पास सूजन, खरोंच या संवेदनशीलता होना
- कोई हिस्सा जो मुड़ा हुआ, Deformed या अपनी जगह से अलग दिखता है
- चोटग्रस्त हिस्से का सामान्य रूप से उपयोग करने में असमर्थता या उस जगह पर दर्द होना
- संवेदनशील स्थान पर सुन्नपन या मोड़ने पर दर्द
- चोटिल होने पर झटके या चटखने की आवाज सुनाई देना
- चोट की जगह पर वज़न डालने, उसे छूने, उसे दबाने, या उसे हिलाने पर दर्द होना
फ्रैक्चर का निदान
Fracture Diagnosis
हड्डी के फ्रैक्चर की पहचान करने के लिए डॉक्टर द्वारा शारीरिक परीक्षण और imaging tests किए जाएंगे। हड्डी के फ्रैक्चर का निदान करने के लिए किए जाने वाले परीक्षण हैं
- एक्स-रे : एक्स-रे द्वारा किसी भी फ्रैक्चर की पुष्टि की जाती है और देखा जाता है कि हड्डियां कितनी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
- Magnetic Resonance Imaging (MRI) : MRI से हड्डी के भीतर की चोट दिखती है। यह छोटे फ्रैक्चर का पता लगा सकती है, जो एक्स-रे में दिखाई नहीं देते। MRI से हड्डी के भीतर की सूजन या खरोंच भी दिखाई देती है।
- सीटी स्कैन : सीटी स्कैन किसी फ्रैक्चर हुए जोड़ की सतह और किसी फ्रैक्चर के उन क्षेत्रों का बारीक विवरण दिखा सकती है जो Undamaged Bone से ढँके होते हैं। सीटी स्कैन और MRI विशेषकर उन Soft Tissue को दिखा सकती है, जो आमतौर पर एक्स-रे पर दिखाई नहीं देते।
- हड्डी स्कैन: हड्डी स्कैन का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों द्वारा उन फ्रैक्चर का पता लगाने के लिए किया जाता है जो एक्स-रे पर दिखाई नहीं देते हैं। इस स्कैन में अधिक समय लगता है (अक्सर दो बार चार घंटे का अंतर होता है), लेकिन यह कुछ फ्रैक्चर जैसे हिप फ्रैक्चर, पैरों या पैरों में तनाव फ्रैक्चर, या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आदि का पता लगाने में सहायक है।
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