दाद खाज खुजली ठीक करने के घरेलू उपाय

 दाद खाज खुजली ठीक करने के घरेलू उपाय 

Home Remedies To Cure Ringworm and Itching


Specialization Dermatologist
विशेषज्ञता:त्वचा विशेषज्ञ

आइए पहले जानते हैं 

दाद क्या होता है ?

दाद त्वचा की ऊपरी परत पर होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है। दाद को Medical Language में टिनीया (Tinea) कहते हैं। यह एक परतदार त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते (red rash) के रूप में दिखाई देता है। इसमें खुजली एवं जलन होती हैं। यह बड़ी ही आसानी से संक्रमित व्यक्ति की चीजें या कपड़े उपयोग करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।



दाद, त्वचा में होने वाला एक Fungal infection है। यह कुछ खास तरह के फफूंद की वजह से होता है। दाद, जख्म की तरह दिखता है और तेजी से फैलता है। यह त्वचा पर लाल या भूरे रंग में उभरा हुआ दिखता है। अगर किसी जानवर को दाद हुआ है तो उस जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्ण के शरीर में फैल सकता है। अगर दाद का समय रहते इलाज न किया जाए, तो इसमें फुंसी हो सकती है और पस भर सकता है। 

दाद-खुजली के लक्षण : 

Symptoms of Ringworm and Itching:

  • त्वचा का लाल पड़ना
  • कभी-कभी गोल दाद में छोटे-छोटे दाने होना
  • दाद से पस या पानी का निकलना
  • खुजली होना
  • दाद-खुजली शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलता है
  • यह लाल चकत्ते (Red Rash) के रूप में दिखाई देता है
  • दाद वाले चकत्ते बाहरी तरफ से किनारों पर लाल होते है

दाद - खुजली के कारण :

Ringworm - Causes of Itching:

  • गर्मी में पसीने की वजह से फंगस को शरीर में फैलने के लिए नमी मिलती है। 
  • फंगस वाली वस्तुओं को साझा करने से संक्रमण फैलता है। 
  • किसी प्रभावित जानवर के संपर्क में आने वाली वस्तुओं को छूने से भी दाद हो सकता है। 
  • शरीर में विटामिन A की कमी के कारण Dry Skin होने लगती है, जिसकी वजह से खुजली की समस्या हो सकती है। 

दाद खाज खुजली ठीक करने के घरेलू उपाय

Home Remedies to cure Ringworm and Itching

नारियल का तेल 

नारियल का तेल त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। यह न सिर्फ खुजली वाली त्वचा से राहत प्रदान करता है बल्कि त्वचा को चिकना (Smooth) और नरम भी बना देता है। इसलिए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।



लहसुन 

लहसुन में अजोइना (Ajoene) नाम एक Anti–fungal agent होता है जो फंगल संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है। लहसुन के एक टुकड़े को छीलकर उसकी पतली स्लाइस काट लें, प्रभावित क्षेत्र पर पतली स्लाइस को रखें और उसके चारों ओर एक पट्टी लपेट लें और रात भर के लिए इसे छोड़ दें। इसकी जगह पर लहसुन के पेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।



हल्दी

हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करता है। हल्दी और पानी को मिलाकर अच्छी प्रकार पेस्ट बना लें और रूई की सहायता से इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएँ। यह फंगल इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करता है।




सेब का सिरका 

सेब का सिरका एंटी बैक्टीरियल और एंटी फ़ंगल गुणों से भरपूर होता है। यह स्किन में इंफेक्शन और दाद-खाज खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। सेब के सिरके को रूई की सहायता से दाद वाली जगह पर लगाएं। दिन में कम से कम चार से पांच बार इसे दोहराएं। यह दाद की अचूक दवा है।





एलोवेरा 

एलोवेरा एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी होते है। प्रभावित त्वचा पर सीधे ऐलोवेरा जेल को लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें। यह दाद चकत्ते आदि को ठीक करता है तथा यह त्वचा की स्वस्थ करने के लिए कईं पोषक तत्व और मिनरल प्रदान करता है।



नीम के पत्तों का पेस्ट 

नीम के पत्तों का पेस्ट दाद, खाज, खुजली से राहत दिलाने में मदद करता है। नीम के पत्तों में कई पोषक तत्व होते हैं। नीम के पत्तों का पेस्ट बनाने के लिए, आधे चम्मच नीम के पत्ते के पाउडर में एक चम्मच गर्म पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। या नीम की ताजी पत्तियों को पीसकर खुजली वाली जगह पर लगाएं। नीम के पत्तों का पेस्ट लगाने के अलावा, आप नीम की ताजी पत्तियों को पानी में उबालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पानी को ठंडा करके नहाने से दाद और खुजली में आराम मिलता है।



टमाटर और नींबू का रस

दाद, खाज, खुजली से निजात पाने के लिए टमाटर और नींबू का रस बहुत फायदेमंद है। दोनों में ही विटामिन C पाया जाता है जो कि त्वचा से संबंधित दिक्कतों को दूर करने का काम करता है। इसके लिए टमाटर के जूस में नींबू का रस और इमली का बीज मिलाकर इसे पीस लें फिर इसको प्रभावित जगह पर लगाएं। ऐसा करने से खुजली और दाद से छुटकारा मिलेगा। 

दाद- खाज-खुजली से कैसे बचें?

How to avoid ringworm and itching?

  • विटामिन-E से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसकी मदद से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है  तथा फंगस को नष्ट करने में मदद करता है। विटामिन-E के लिए जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल, अखरोट, मसूर की दाल, पालक, बादाम, तिल आदि का सेवन  करें।
  • भोजन में लौंग का प्रयोग करें। इसके सेवन से फंगल संक्रमण दूर होता है।
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए कपड़े, वस्तुएँ आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे पालतु जानवरों से भी दूर रहना चाहिए जो संक्रमित होते हैं।
  • अधिक पसीने से परहेज रखना चाहिए इसके लिए एंटी-फंगल का इस्तेमाल करें।
  • दाद वाली जगह पर बार-बार खुजलाना नहीं चाहिए।


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