प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (PMS) : लक्षण, कारण और उपचार

प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (PMS) : लक्षण, कारण और उपचार

Premenstrual Syndrome (PMS) : Symptoms, Causes and Treatment


Specialization:- Gynecologist
विशेषज्ञता:- स्त्री रोग विशेषज्ञ

आइए जानते हैं 

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) क्या होता है ?

अधिकांश महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से पहले कुछ लक्षण महसूस होते हैं। जैसे : मासिक धर्म के समय पेट में दर्द, स्तनों (Breasts) में सूजन , स्तनों (Breasts) में दर्द और पीठ में दर्द आदि जिन्हें हम प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या PMS कहते हैं। वैसे तो ये सामान्य लक्षण हैं लेकिन ये हमारी दिनचर्या को बहुत प्रभावित करते हैं। कुछ महिलाओं को ये लक्षण शुरुआत से या कुछ महिलाओं में ये लक्षण 20 की उम्र के बाद महसूस होते हैं। 



प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षण 

Symptoms of Premenstrual Syndrome (PMS)


  • मूड में बदलाव
  • चिड़चिड़ापन या गुस्सा आना
  • थकान
  • पेट में दर्द
  • स्तनों में दर्द
  • भूख में बदलाव
  • सिरदर्द
  • नींद में बदलाव (अनिद्रा)
  • तनाव या चिंता
  • जोड़ो या मांशपेशियों में दर्द 
  • चेहरे पर मुहांसो का निकलना 

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के कारण 

Causes of Premenstrual Syndrome (PMS)

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का कारण ज्ञात नहीं  है, लेकिन कई कारक इस स्थिति में योगदान कर सकते हैं:

  • हार्मोन में चक्रीय परिवर्तन - प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण हार्मोनल उतार-चढ़ाव के साथ बदलते हैं और गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के साथ गायब हो जाते हैं।
  • मस्तिष्क में रासायनिक परिवर्तन -  सेरोटोनिन रसायन जो मस्तिष्क के सभी मूड कार्यों को संभालता है। दुखी होना, खुश, चिंतित या उत्साहित होना आदि मानव शरीर में सेरोटोनिन स्तर को प्रभावित करता है। सेरोटोनिन के स्तर में परिवर्तन से महिला उदास महसूस कर सकती है और प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम का अनुभव करती है । इसके अलावा, रासायनिक परिवर्तन से महिला को ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है और वह आवश्यक चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो सकती है। इसलिए, सेरोटोनिन के स्तर में बदलाव भी पीएमएस के मूल कारणों में से एक है ।
  • तनाव या चिंता -  यह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के प्रमुख कारणों में से एक है। तनाव और चिंता से ग्रस्त महिला को मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चिंता और तनाव से ग्रस्त महिला, दैनिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता और मूड में बदलाव महसूस करने लगती है।

प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम से बचाव के उपाय 

Ways to Prevent Premenstrual Syndrome

चूँकि PMS का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ ऐसे इलाज और घरेलु नुस्खे हैं जो आपको PMS लक्षणों से राहत दिला सकते हैं। ये हैं:

Exercise

हफ्ते में 5 दिन करीब 30 मिनट के लिए कार्डिओ एक्सरसाइज जैसे तेज चलने, जॉगिंग करने, दौड़ने, या तैरने से कुछ लक्षण जैसे थकान कम होती है और आपका मूड अच्छा रहता है, Mood Swings नहीं होते हैं। रोज Exercise करने से PMS में राहत के अलावा, आपका स्वस्थ भी बेहतर रहता है।


खानपान में बदलाव करें - 

खाने की आदतों में बदलाव जैसे छोटे-छोटे भाग में खाना खाएं और नमक कम मात्रा में लेने से ब्लोटिंग से छुटकारा मिलता है और शरीर में Fluid की मात्रा भी बानी रहती है। संतुलित आहार जैसे कि अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल, और सलाद खाने से ना सिर्फ PMS के लक्षणों से राहत मिलेगी बल्कि आप स्वस्थ और सही वजन बनाके रख सकते हैं। अपने भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें, जिनमें अधिक मात्रा में कैल्शियम हो जैसे डेयरी उत्पाद, कुछ सूखे मेवे और हरी पत्तेदार सब्जियाँ आदि शामिल करें। 


अत्यधिक तनाव न लें - अपने सोने का समय तय करें, और अच्छी नींद लें, इससे तनाव में कमी होगी। योग, प्राणायाम आदि करने से भी नींद ना आने और तनाव से बचा जा सकता है। ये खास कर उन महिलाओं के लिए काफी मददगार है जिन्हें माइग्रेन जैसा सिर दर्द होता है।


हेल्थ सप्लीमेंट लें -

आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B-6, विटामिन D और मैग्नीशियम जैसे सप्लीमेंट्स लें। ये खाद्य पदार्थ, दर्द में राहत देते हैं और Mood Swings को कम करते हैं।


शराब और कैफीन का सेवन ना करें - शराब और कैफीन का सेवन कम करने से भी PMS के लक्षण में असरदार रूप से राहत मिलती है।



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