पाचन तंत्र सम्बन्धी रोग - कारण, लक्षण व उपाय
Digestive System Related Diseases - Causes, Symptoms and Remedies
आइये जानते है कि,
पाचन तंत्र से जुड़े विकारों के बारे में जाने :
आपने अक्सर यह बात तो जरूर सुनी ही होगी कि सारी बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या रहती है तो यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि आप जल्द ही किसी बड़ी समस्या की चपेट में आने वाले हैं।
उदहारण के लिए अगर आप लंबे समय से कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसकी काफी संभावना है कि आपको बवासीर जैसा गंभीर रोग हो सकता है। वहीं, अगर आपको अक्सर गैस और पेट में जलन की समस्या रहती है तो इससे आपको रक्तचाप और दिल से जुड़ी समस्याएँ होने की संभवना होती है। इसलिए आपको हमेशा पाचन तंत्र को स्वस्थ रहना चाहिए ।
उदहारण के लिए अगर आप लंबे समय से कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसकी काफी संभावना है कि आपको बवासीर जैसा गंभीर रोग हो सकता है। वहीं, अगर आपको अक्सर गैस और पेट में जलन की समस्या रहती है तो इससे आपको रक्तचाप और दिल से जुड़ी समस्याएँ होने की संभवना होती है। इसलिए आपको हमेशा पाचन तंत्र को स्वस्थ रहना चाहिए ।
पाचन तंत्र क्या है ?
पाचन तंत्र मानव शरीर में एक जटिल प्रणाली है जो भोजन को पोषक तत्वों में तोड़ने के लिए जिम्मेदार है जिसे शरीर द्वारा अवशोषित और उपयोग किया जा सकता है। यह शरीर को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और आवश्यक घटक प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुंह (Mouth ): पाचन की प्रक्रिया मुंह में शुरू होती है, जहां भोजन चबाने से Mechanically रूप से टूट जाता है और लार के साथ मिल जाता है। लार में Enzyme होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट का Chemicalपाचन शुरू करते हैं।
ग्रासनली (Esophagus): निगलने के बाद, चबाया हुआ और मिश्रित भोजन को Muscular Contractions द्वारा ग्रासनली में नीचे धकेल दिया जाता है जिसे Peristalsis कहा जाता है। Esophagus एक नली है जो मुंह को पेट से जोड़ती है।
पेट (Stomach): पेट में, पेट के Acid और पाचन Enzyme की क्रिया से भोजन टूट जाता है। और उसे एक अर्ध-तरल पदार्थ में मिलाता है जिसे Chyme कहा जाता है।
छोटी आंत: Chyme को फिर छोटी आंत में ले जाया जाता है, जहां अधिकांश पोषक तत्वों का अवशोषण होता है। छोटी आंत छोटी उंगली जैसे उभारों से बनी होती है जिन्हें Villi,कहा जाता है, ये प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट के मूल घटको को तोड़ते है।
लिवर: लिवर पित्त का उत्पादन करता है, जो Bladder में जमा होता है और जरूरत पड़ने पर छोटी आंत में छोड़ दिया जाता है जिससे उन्हें पचाना और अवशोषित करना आसान हो जाता है।
अग्न्याशय(Pancreas): Pancreas कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को तोड़ने के लिए छोटी आंत में पाचन Enzyme को स्रावित करता है।
बड़ी आंत (Colon): छोटी आंत द्वारा पोषक तत्वों को अवशोषित करने के बाद जो अपचित रह जाता है वह बड़ी आंत में प्रवेश कर जाता है। बड़ी आंत शेष सामग्री से पानी और Electrolytes को अवशोषित करती है, जिससे मल बनता है।
मलाशय और गुदा(Rectum and anus): Rectum मल को तब तक संग्रहित रखता है जब तक कि वे शरीर से बाहर निकलने के लिए तैयार न हो जाएं। Anus वह द्वार है जिसके माध्यम से शौच की प्रक्रिया के दौरान मल बाहर निकाला जाता है।
पाचन तंत्र ख़राब होने के कारण
- तनाव में रहना
- जल्दी-जल्दी खाना
- सही से खाना चबाकर ना खाना
- ज़्यादा मसालेदार खाना
- ज़्यादा Caffeine या चॉकलेट का सेवन करना
- गलत खान-पान सेवन
- व्यायाम न करने कि वजह से
- पानी कम मात्रा में पीने से
- junk food सेवन अधिक करने
पाचन तंत्र के ख़राब होने के लक्षण
- छाती में दर्द और जलन होना
- गले में जलन होना
- उल्टी होना
- कुछ भी खाने की इच्छा न होना
- निगलते समय कठिनाई या दर्द होना
- पुरानी खांसी
- सांसों की बदबू आना
- खाने पर तुरंत उल्टी की इच्छा या जलन बढ़ना
- पेट फूला हुआ लगना या पेट में गैस बनना
उपचार :
- गुनगुना पानी पिएं
- विटामिन-सी से भरपूर चीज़ें खाएं जैसे संतरा, अंगूर, कीवी, पपीता, अमरूद, अनानास, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी
- आवयश्कता से अधिक न खाये
- भोजन को हमेशा चबाकर खा
- फाइबर से भरपूर चीज़ें खाएं जैसे शकरकंद, दलिया, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, सेब, पपीता
- दिन के भोजन में दही या छाछ सेवन करे
- अत्यधिक तनाव न ले
- Physical Activity करें
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