ट्रॉमा - लक्षण, कारण और उपचार
Trauma – Symptoms, Causes and Treatment
Specialization:-Neurology
(विशेषज्ञता):-तंत्रिका-विज्ञान
ट्रॉमा, किसी Accident या किसी प्राकृतिक आपदा जैसे भयानक घटना की वजह से होने वाली एक घटना है। यह एक तरह की भावनात्मक प्रतिक्रिया (Emotional Response) है जिसमें घटना के तुरंत बाद व्यक्ति सदमें में चले जाता है बार-बार पुरानी बातों को याद करना, रिश्तों में तनाव और यहां तक कि सिरदर्द और मतली जैसे शारीरिक लक्षण भी दिख सकते हैं हालांकि, इस तरह की भावनाएं बिल्कुल आम बात हैं, लेकिन कुछ लोग इनसे पीछा छुड़ाकर आगे नहीं बढ़ पाते हैं। ऐसे में Psychologists से परामर्श करना अति आवश्यक है।
ट्रॉमा का व्यक्ति के जीवन पर Short Time के लिए भी असर पड़ सकता है और Long Term असर भी देखने को मिल सकता है। वह Helpless, Numb और Overwhelmed महसूस कर सकता है। यहां तक कि व्यक्ति को अपनी भावनाएं Express करने में भी समस्या हो सकती है।
ट्रॉमा के कारण
Causes of Trauma
ट्रॉमा के कई कारण हो सकते हैं। उनमें से कुछ प्रमुख कारणों हैं –
- किसी के द्वारा धमकाना (Bullying)
- Harassed होना
- बलात्कार
- Accident होना
- जानलेवा बीमारी की चपेट में आने पर
- किसी प्रियजन की अचानक मृत्यु
- किसी हमले का शिकार होना
- किसी के द्वारा अपहरण किए जाने पर
- आतंकवादी घटना में फंसना
- प्राकृतिक आपदा का शिकार होना
- किसी के साथ डरावनी घटना होते देखना
हालाँकि ट्रॉमा अक्सर किसी दर्दनाक घटना के कारण होता है, लेकिन यह हमेशा उससे जुड़ा नहीं होता है। कभी-कभी, दूर से कुछ देखने के बाद किसी व्यक्ति को झटका लगना भी संभव है। विशेष रूप से छोटे बच्चे इस स्थिति के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और किसी दर्दनाक घटना के घटित होने के बाद उनकी मनोवैज्ञानिक जांच की जानी चाहिए।
ट्रॉमा के लक्षण
Symptoms of Trauma
ट्रॉमा के लक्षण मामूली से बहुत गंभीर तक हो सकते हैं। ट्रॉमा के लक्षण इस तरह के होते हैं :
- अत्यधिक गुस्सा आना
- डर लगना
- हर समय उदासी रहना
- किसी से बात करने में झिझकना
- बिना बात के चिंता करना
- अत्यधिक Depression में रहना
- Body Numbness
- चिड़चिड़ापन होना
- किसी भी काम में ध्यान न होना
ट्रॉमा से गुजर रहे लोग के लिए अपनी भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है और कई बार वह दूसरों से दूरी बना लेते हैं। ट्रॉमा से गुजर रहे लोग बार-बार बीती बातों में ही उलझे रहते हैं, जिससे कि उनके साथ हुई वह भयानक घटना उन्हें फिर से याद आ जाती है। यही नहीं डरावने सपने आना भी इस समस्या में आम है।
ट्रॉमा का इलाज
Treatment of Trauma
कई तरह की इलाज प्रक्रियाओं के जरिए ट्रॉमा के लक्षणों से राहत मिल सकती है। ट्रॉमा से निपटने के लिए सबसे पहले थेरैपी का ही इस्तेमाल किया जाता है।
Cognitive Behavioral Therapy :
Cognitive Behavioral Therapy(CBT) को आम भाषा में Talk Therapy भी कहा जाता है। यह एक तरह की थेरेपी है, जिसमें Psychologist या Counselor से संपर्क किया जाता है। इसमें mental stress की वजह से आई Negative Thinking को बदलकर Positive Life की तरफ़ लाने की कोशिश की जाती है। इसे आमतौर पर Mental Health को बनाए रखने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। CBT का प्रभाव दवा की तुलना में लंबे समय तक रहता है जिससे व्यक्ति को भविष्य में स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
Eye Movement Desensitization and Reprocessing :
Eye Movement Desensitization and Reprocessing (EMDR) एक साइकोथेरेपी है। यह एक ऐसी थेरेपी है जिसमें आंखों की हरकतों के ज़रिए बीमारी का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल वयस्कों और बच्चों में Anxiety Disorders, Depression और अन्य Clinical Problem के इलाज के लिए भी किया जाता है।
Acupoint Stimulation :
Acupressure एक प्राचीन इलाज का तरीका है। इसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है। हमारे शरीर के मुख्य अंगों के Pressure Points पैरों के तलवे में और हथेलियों में होते हैं।
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