इन्फ्लूएंजा - लक्षण, कारण और उपचार
Influenza – Symptoms, Causes and Treatment
इन्फ्लूएंजा, जिसे फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की बीमारी है जो RNA वायरस के कारण होती है। ये Virus जानवरों, पक्षियो और मनुष्यों की श्वसन नली को संक्रमित करता है। आमतौर पर इस Virus से लोगों में बुखार, खांसी, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में निकट संपर्क में रोगी के खांसने या छींकने पर निकलने वाली सांस की बूंदों से फैलता है। व्यक्ति आमतौर पर कुछ दिनों के बाद ठीक हो जाते हैं, लेकिन 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और पुरानी बीमारी (जैसे अस्थमा , हृदय और गुर्दे जैसी बीमारियाँ) वाले व्यक्तियों को अधिक नुकसान पहुँचा सकता है।
इन्फ्लूएंजा के लक्षण
Symptoms Of Influenza
- खांसी जो धीरे-धीरे गंभीर हो जाती है
- अत्यधिक थकान
- मांसपेशियों में हल्का या गंभीर दर्द
- बहती या भरी हुई नाक
- बार-बार छींके आना
- सिरदर्द
- भूख में कमी
- ठंड लगने के साथ तेज बुखार होना(100 F से लेकर 103 F तक )
- गला खराब होना
- उल्टी और दस्त (बच्चों में अधिक आम)
- आँखे लाल हो जाना
इन्फ्लूएंजा के कारण
Causes of Influenza
इन्फ्लूएंजा एक Viral Infection है और इसका मुख्य कारण इन्फ्लूएंजा वायरस है। यह वायरस आमतौर पर नाक, गले और फेफड़ों के ऊपरी हिस्सों में विकसित होता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
इन्फ्लूएंजा वायरस कई प्रकार के होते हैं, जिनमें इन्फ्लूएंजा A, इन्फ्लूएंजा B और इन्फ्लूएंजा C शामिल हैं।
इन्फ्लूएंजा वायरस या फ्लू वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसकी खांसी और छींक की बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिसके कारण आस-पास के लोग इन बूंदों को साँस द्वारा अंदर ले लेते हैं और वे भी इस वायरल संक्रमण से संक्रमित हो जाते हैं।
उपचार
Treatment
इन्फ्लूएंजा के उपचार में डॉक्टरों की सलाह का पालन करना आवश्यक है। लक्षणों की गंभीरता के आधार पर इन्फ्लूएंजा का उपचार किया जा सकता है। इन्फ्लूएंजा के उपचार के लिए कुछ उपचार विकल्प निम्न हैं:
1. आराम : यदि कोई व्यक्ति इन्फ्लूएंजा से पीड़ित है, तो उसके लिए अधिक आराम करना फायदेमंद हो सकता है।
2. गरारे करना : गरारे करने से खाँसी और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
3. दवाइयों का सेवन : डॉक्टर की सलाह के अनुसार खाँसी और सर्दी के लिए उपयुक्त खाँसी सिरप और Antipyretic दवाइयों का सेवन किया जाता है।
4. हाइड्रेट रहना : पर्याप्त पानी पीना, बुखार की दवा के रूप में काम करता है साथ ही Dehydration होने का खतरा कम रहता है।
5. खानपान का ध्यान रखना : स्वस्थ आहार और पर्याप्त पौष्टिकता से भरपूर खाना खाने से, इन्फ्लूएंजा से लड़ने में मदद मिलती है।
6. डॉक्टर की सलाह लेना : स्थिति गंभीर होने पर, डॉक्टर की सलाह लेना और उसके बताए गए उपचार का पालन करना आवश्यक है। समय - समय पर डॉक्टर से जाँच करवाएं।
7. दवाइओं का समय पर सेवन करना : डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई दवाइयों का समय पर सेवन करना आवश्यक है।
रोकथाम
Prevention
फ्लू होने या इसे दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। जितनी जल्दी हो सके फ्लू से बचाव का टीका लगवाएं।
- आपका बुखार कम होने के बाद अगले 24 घंटों तक बिस्तर पर ही आराम करें।
- कमरे या घर से बाहर मास्क पहन कर निकलें।
- अपने चेहरे को छूने के बाद, अपने हाथों को साफ रखने के लिए दिन भर में Hand Sanitizer का उपयोग करें।
- खांसने या छींकने के दौरान Use किए गए Tissues को फेंक दें।
- आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें ।
- बार-बार हाथ धोए या Hand Sanitizer का Use करें।
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